अब गेहूं की फसल में स्प्रे या पानी देने की जरूरत नहीं है

अब गेहूं की फसल में स्प्रे या पानी देने की जरूरत नहीं है

बठिंडा, 3 अप्रैल: स्थानीय मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ. करणजीत सिंह गिल और ब्लॉक कृषि अधिकारी, बठिंडा डाॅ. बलजिंदर सिंह ने गांव हररायपुर, जिदा और गिल पत्ती में हाल ही में हुई बारिश से प्रभावित गेहूं के खेतों का सर्वेक्षण किया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम के सर्वे के दौरान पता चला कि अधिकांश […]

बठिंडा, 3 अप्रैल: स्थानीय मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ. करणजीत सिंह गिल और ब्लॉक कृषि अधिकारी, बठिंडा डाॅ. बलजिंदर सिंह ने गांव हररायपुर, जिदा और गिल पत्ती में हाल ही में हुई बारिश से प्रभावित गेहूं के खेतों का सर्वेक्षण किया।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम के सर्वे के दौरान पता चला कि अधिकांश खेतों में गेहूं की फसल अच्छी है। टीम ने किसानों को सलाह दी कि गेहूं की फसल में स्प्रे या पानी देने की जरूरत नहीं है। मौके पर मौजूद किसानों ने गेहूं की अच्छी फसल होने की उम्मीद जतायी।

इस दौरान मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ. करनजीत सिंह गिल ने किसानों से अपील की कि वे गेहूं की कटाई के बाद गेहूं के दानों को आग न लगाएं और अनाज को जमीन में गाड़ दें ताकि मिट्टी की सेहत में सुधार हो सके और उर्वरता बनी रहे। इस प्रकार पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के साथ-साथ भूमि की उर्वरता भी बढ़ती है। उन्होंने किसानों को कृषि विभाग, बठिंडा के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ अधिक से अधिक संपर्क बनाए रखने के लिए कहा, ताकि किसान विभाग के तहत चल रही योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।

     इस अवसर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी डाॅ. बलजिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे अगले साल गेहूं की बुआई के लिए घरेलू बीज तैयार करें ताकि कृषि खर्च कम हो सके. साथ ही किसानों से सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ही कंबाइन से गेहूं की कटाई करने का अनुरोध किया।       टीम में मौजूद कृषि विकास अधिकारी डॉ. महिमा सरजा। जसविन्दर कुमार एवं कृषि विकास अधिकारी हर्रायपुर डाॅ. अमनदीप कौर ने किसानों से अपील की कि गुल्ली डंडे की खरपतवार गेहूं के खेतों में मौजूद हैं, उन्हें अगले साल की गेहूं की फसल में गुल्ली डंडे की वृद्धि को रोकने के लिए खेत से बाहर निकाला जाना चाहिए।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की टीम के सर्वे के दौरान पता चला कि अधिकांश खेतों में गेहूं की फसल अच्छी है। टीम ने किसानों को सलाह दी कि गेहूं की फसल में स्प्रे या पानी देने की जरूरत नहीं है। मौके पर मौजूद किसानों ने गेहूं की अच्छी फसल होने की उम्मीद जतायी।
इस दौरान मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ. करनजीत सिंह गिल ने किसानों से अपील की कि वे गेहूं की कटाई के बाद गेहूं के दानों को आग न लगाएं और अनाज को जमीन में गाड़ दें ताकि मिट्टी की सेहत में सुधार हो सके और उर्वरता बनी रहे। इस प्रकार पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के साथ-साथ भूमि की उर्वरता भी बढ़ती है। उन्होंने किसानों को कृषि विभाग, बठिंडा के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ अधिक से अधिक संपर्क बनाए रखने के लिए कहा, ताकि किसान विभाग के तहत चल रही योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।

     इस अवसर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी डाॅ. बलजिंदर सिंह ने किसानों से अपील की कि वे अगले साल गेहूं की बुआई के लिए घरेलू बीज तैयार करें ताकि कृषि खर्च कम हो सके. साथ ही किसानों से सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ही कंबाइन से गेहूं की कटाई करने का अनुरोध किया।       टीम में मौजूद कृषि विकास अधिकारी डॉ. महिमा सरजा। जसविन्दर कुमार एवं कृषि विकास अधिकारी हर्रायपुर डाॅ. अमनदीप कौर ने किसानों से अपील की कि गुल्ली डंडे की खरपतवार गेहूं के खेतों में मौजूद हैं, उन्हें अगले साल की गेहूं की फसल में गुल्ली डंडे की वृद्धि को रोकने के लिए खेत से बाहर निकाला जाना चाहिए।
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