लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद वापस लौटे पंजाब के युवक ने बताई सच्चाई बोले ' अमेरिका जाने का सपना टूटा
पंजाब के जिला मोगा के हलका धर्मकोट के गांव पंडोरी आराइयां के युवक जसविंदर सिंह, जो बेहतर भविष्य की तलाश में अमेरिका गए थे, आखिरकार लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद खाली हाथ वापस लौट आए।
जसविंदर सिंह ने बताया कि वह 24 दिसंबर को अमेरिका गए थे, लेकिन 27 जनवरी को मैक्सिको बॉर्डर पार करने के दौरान उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि वे एक नाव के जरिए 20 अन्य युवाओं के साथ कई नहरों और जंगलों को पार करते हुए आगे बढ़े। मगर जब उन्हें हिरासत में लिया गया तो उन्हें एक डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया, जहां करीब 20 दिनों तक रखा गया।
जसविंदर ने बताया कि डिटेंशन सेंटर में उन्हें अमानवीय परिस्थितियों में रखा गया। ठंडी हवाएं छोड़ी जाती थीं और उनके कपड़े तक उतरवा लिए जाते थे। अंततः उन्हें अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया। जसविंदर ने कहा कि डिटेंशन सेंटर से ही उनके हाथों में हथकड़ियां डाल दी गई थीं और उन्हें उसी हालत में फ्लाइट से भारत भेजा गया। अमृतसर पहुंचने तक उन्हें जंजीरों में जकड़कर रखा गया और सिर्फ हवाई अड्डे पर उतरने से पहले ही उनकी हथकड़ियां खोली गईं।
जसविंदर के परिवार ने बताया कि अमेरिका भेजने के लिए उन्होंने अपनी 1.5 एकड़ जमीन बेच दी, घर गिरवी रख दिया और रिश्तेदारों से उधार पैसे लिए थे। इस पूरे सफर में उनका करीब 45 लाख रुपये खर्च हो गया, लेकिन अंत में उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
जसविंदर के माता-पिता और रिश्तेदारों ने सरकार से इस मामले में न्याय दिलाने की अपील की है। गांव के सरपंच अमन पंडोरी सहित अन्य ग्रामीण भी उनके समर्थन में आए हैं। हलका धर्मकोट के विधायक देविंदरजीत लाडी ने परिवार से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि जसविंदर और एजेंट को दिए गए पैसे की वसूली करवाई जाएगी।
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यह घटना उन हजारों युवाओं के लिए एक चेतावनी है, जो बिना सही जानकारी और कानूनी प्रक्रिया के विदेश जाने का सपना देखते हैं और दलालों के झांसे में आकर अपना सब कुछ गंवा बैठते हैं।