चंडीगढ़ में प्रदूषण से बिगड़े हालात, सांसद मनीष तिवारी ने राज्यपाल से की ये अपील
चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता गुरुवार को देश में सबसे ज्यादा खराब दर्ज की गई. यहां एक्यूआई का स्तर इस सीजन में पहली बार 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया है. हरियाणा और पंजाब में कई स्थानों पर एक्यूआई 'बहुत खराब' और 'खराब' की श्रेणी में दर्ज किया गया है. चंडीगढ़ में गुरुवार दोपहर 12 बजे एक्यूआई 427 दर्ज की गई. यह आंकड़ा सेंट्रल पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने जारी किया है.
चंडीगढ़ के सेक्टर 22 में 460, सेक्टर 25 में 365 और सेक्टर 53 में 455 दर्ज किया गया. चंडीगढ़ में हवा की गुणवत्ता अभी दिल्ली से भी खराब है जो कि वहां 424 दर्ज की गई थी. चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने भी वायु गुणवत्ता को लेकर 'एक्स' पर पोस्ट डाला था. मनीष तिवारी ने चंडीगढ़ के प्रशासक और पंजाब के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया से अपील की कि जब तक स्थिति नहीं सुधरती है तब तक स्कूलों और विशेषकर छोटे बच्चों के स्कूलों को बंद करने पर विचार करें.
Met Hon’ble Governor Punjab and Administrator Chandigarh along with @INCChandigarh President @LUCKYHSINC .
— Manish Tewari (@ManishTewari) November 13, 2024
Discussed the way forward on the legacy issues bedevilling Chandigarh. pic.twitter.com/cHGTDjswxQ
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ समय से चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में बनी हुई है. हरियाणा के गुरुग्राम में 323, पंचकुला में 299, बहादुरगढ़ में 293, हिसार में 289, सोनीपत में 269, कैथल में 246, कुरुक्षेत्र में 223 और यमुनानगर में 228 दर्ज की गई है.
पंजाब के अमृतसर में एक्यूआई 325, लुधियाना में 211, मंडी गोबिंदगढ़ में 210 और बठिंडा में 192 दर्ज की गई है. वायु गुणवत्ता सूचकांक शून्य से 50 अच्छा माना जाता है और 100 तक संतोषजनक रहता है लेकिन 101 से ऊपर वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ने पर चिंता शुरू हो जाती है. 101 से 200 मध्यम, 201 से 300 खराब, 301 से 400 बेहद खराब और 400 से 450 गंभीर माना जाता है जबकि 450 से अधिक होने पर यह बेहद हानिकारक माना जाता है.
वायु प्रदूषण में वृद्धि के पीछे एक बड़ी वजह पराली जलाने माना जाता है. अक्टूबर और नवंबर में फसलों के कटाई के सीजन में पंजाब और हरियाणा में धान की पराली जलाए जाने की घटनाएं भी सामने आती हैं जिससे दिल्ली में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है.