कम खाना या गैप के साथ उपवास रखना ,कौनसा डाइट प्लान बेहतर?
अगर आप भागदौड़ भरी लाइफ में खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं तो शरीर पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। आज के समय में एक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए हेल्दी डाइट, खुद को एक्टिव रखना, एक्सरसाइज करना, ब्रेन को हेल्दी रखना बहुत जरूरी होता है। जब कोई अपना वजन कम करना चाहता है, तो ज्यादातर लोग किसी और चीज से ज्यादा उपवास पर अधिक ध्यान देते हैं। उनमें से ज्यादातर लोग रुक-रुक कर उपवास करना पसंद करते हैं। वजन कंट्रोल रखना और बॉडी को हेल्दी रखने के लिए मास इंडेक्स बनाए रखना बेहतर होता है। आइए जानते हैं कि कम इंटरमिटेंट फास्टिंग या एसएफएम डाइट प्लान दोनो में से आपके लिए क्या बेहतर हो सकता है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?
इंटरमिटेंट फास्टिंग एक डाइट प्लान है, जिसमें लोग गैप लेने के बाद उपवास रखते हैं और इसके कुछ तरीके होते हैं-
1. 16/8 मेथड- इस तरीके में दिन में 16 घंटे उपवास किया जाता है और 8 घंटे खाने का समय होता है।
2. 5:2 मेथड- इस तरीके में सप्ताह में पांच दिन सामान्य रूप से खाना खाया जाता है और दो दिन कम कैलोरी वाली डाइट लेते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
वजन घटाना- इंटरमिटेंट फास्टिंग आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है, और कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि यह कम कैलोरी वाली डाइट जितना ही फायदेमंद होता है।
हार्ट के लिए हेल्दी- इंटरमिटेंट फास्टिंग बीपी और हार्ट से जुड़ी बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कंट्रोल करता है।
सूजन करता है कम- इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से सूजन को कम करने में मदद मिलती है, जो आपको कई बीमारियों से दूर रखने में मदद कर सकता है।
कम मात्रा में खाना (SFM)
कम मात्रा में खाना जिसे (SFM) भी कहा जाता है, इसे भी डाइट प्लान का हिस्सा माना जाता है। एक साथ अधिक भोजन करने की बजाए दिन भर में थोड़ा-थोड़ा कर के भोजन किया जाता है।
एसएफएम डाइट लेने के फायदे
डाइजेशन- बार-बार थोड़ा-थोड़ा कर के खाने से आपके पेट के पोषक तत्व एक्टिव होते हैं। साथ ही ये आपके खाने को अवशोषित करने में मदद करता है।
वजन कंट्रोल- थोड़ा-थोड़ा कर खाने से आप हेल्दी रह सकते हैं और आपका वजन कंट्रोल में रहता है।
ब्लड शुगर- एसएफएम डाइट लेने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है, जो डायबिटीज वाले लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
हार्ट हेल्थ- एसएफएम डाइट से रक्त लिपिड के लेवल में सुधार हो सकता है और हार्ट की बीमारी का खतरा कम हो जाता है।