वैज्ञानिकों ने सुलझाया दुनिया के लाल रेगिस्तान का रहस्य; उम्र को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

वैज्ञानिकों ने सुलझाया दुनिया के लाल रेगिस्तान का रहस्य; उम्र को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

Earth largest sahara desert mystery

Earth largest sahara desert mystery

वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे बड़े ‘लाल’ रेगिस्तान का रहस्य सुलझा लिया है। यह रेगिस्तान सहारा मरुस्थल का हिस्सा है और अफ्रीका के मोरक्को में है। इसे मोरक्को में लाला ललिया का टीला भी कहा जाता है। पृथ्वी के इसे सबसे बड़े और सबसे जटिल रेगिस्तान की उम्र की गणना वैज्ञानिकों द्वारा की गई। यह रेगिस्तान करीब 100 मीटर ऊंचा और 700 मीटर चौड़ा है। इसकी उम्र को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि यह रेगिस्तान करीब 13000 साल पहले बना था। शुरुआत के 8000 साल में यह जैसे बने थे वैसे ही थे, लेकिन उसके बाद इनका आकार तेजी से बढ़ने लगा था।

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इस तरह के रेगिस्तान अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका के अलावा मंगल ग्रह पर भी होते है। इनका निर्माण दिशा बदलने वाली विपरीत हवाओं के कारण होता है। लाला ललिया को मोरक्को की स्थानीय भाषा में सर्वोच्च पवित्र बिंदु कहते है। रिसर्च में सामने आया है कि यह रेगिस्तान प्रति वर्ष लगभग 50 सेंटीमीटर की स्पीड से रेगिस्तान में घूम रहा है। वैज्ञानिकों ने इसकी उम्र जानने के लिए ल्यूमिनसेंस डेटिंग नामक तकनीक का इस्तेमाल किया। यह टेक्निक गणना करती है कि रेत के कण आखिरी बार दिन के उजाले के संपर्क में कब आए थे। इसके लिए रेत के नमूने लिए गए और मंद लाल रोशनी में उनका विश्लेषण किया गया। प्रोफेसर डुलर ने रेत में मिले खनिज कणों को छोटी रिचार्जेबल बैटरी के रूप में वर्णित किया है, जो एक प्रकार के क्रिस्टल है। उनके अंदर एक प्रकार की ऊर्जा भी मौजूद है, जो प्राकृतिक वातावरण में रेडियोधर्मिता से आती है। प्रोफ़ेसर डुलर कहते है कि रेत के कणों से निकला प्रकाश जितना तेज़ होगा, कण उतने ही पुराने होंगे और उतने ही समय से वे दबे होंगे। दूर-दूर तक यहां इंसान नहीं बसते। न ही कोई यहां छुट्टियां मनाने आता है, बावजूद इसके संगीत कहां से बजता है, इसका रहस्य आज तक नहीं सुलझा है।

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