देश के अन्नदाता की सार क्यों नहीं ले रही केंद्र सरकार? अड़ियल रवैया छोड़कर किसानों से बातचीत करें - CM Mann
पंजाब सीएम भगवंत मान ने आज खनाैरी व शंभू बाॅर्डर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर एक अहम प्रेस कांफ्रेंस की है। उन्होंने कहा कि मैं केंद्र सरकार से कहना चाहता हूं अड़ियल रवैया छोड़े दे, रजामंदी से मामले निपट जाते हैं। दुनिया में जंगे चलती हैं। लेकिन मामले टेबल पर बातचीत से निपटते हैं। किसान देश के नागरिक हैं। ऐसे में उनकी जत्थेबंदियों को मीटिंग के लिए बुलाकर इस मामले को निपटाने की कोशिश करें।
सीएम ने कहा कि वह केंद्र सरकार के कृषि मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को स्वीकार नहीं करते हैं। इस बारे में पंजाब सरकार लिखकर केंद्र सरकार को भेज रही है। हम कह रहे हैं कि किसी अन्य राज्य में तुजुर्बा कर ले, अगर कामयाब होगा तो हमें बता देना। हम सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हैं। हम जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर गंभीर है। 50 डॉक्टरों की टीम मौके पर तैनात है। साथ ही धरना स्थल के 500 मीटर के दायरे में अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कुछ भी होता है तो केंद्र की बीजेपी सरकार की जिम्मेदारी है।
सीएम ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में करीब छह मुद्दों को उठाया
1.सीएम ने कहा कि केंद्र में दोबारा भाजपा की सरकार बन गई है। लेकिन चुनाव नतीजे आने के बाद किसानों से बातचीत नहीं हुई। जबकि इस दिशा में पहल होनी चाहिए थी। वहीं, अब केंद्र रद्द किए गए तीनों कानूनों को दोबारा किसी अन्य रूप में लागू करने की तैयारी में है। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत से घबरा रही है। सीएम ने किसानों को कहा कि पंजाब बंद जैसे फैसले न ले। इस तरह के फैसलों से राज्य का ही नुकसान होता है। पंजाब बंद से पंजाब का सौ करोड़ का नुकसान हुआ है। जबकि लोगों को अलग से परेशानी उठानी पड़ी है।
2. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का मरणव्रत 38 वें दिन में दाखिल हो गया। हम कई बार बातचीत का प्रयास कर चुके हैं। किसानों की मांगें सारी केंद्र सरकार से जुड़ी हैं। चाहे इन दोनों फोरम की मांगें हो या अन्य यूनियनों की मांगे हैं। सबकी मांगे एक ही है। जत्थेबंदियों की विचार धारा अलग हो सकती है। बातचीत के लिए न्योता को नहीं देते हैं।
3 अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है। हम डल्लेवाल की सेहत की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। 50 डॉक्टरों की उनकी सेहत की देखभाल कर रही हैं। धरना स्थल से 500 मीटर की दूरी पर बनी हवेली को अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। मैंने खुद परसों डल्लेवाल से बात की है। उन्हें कहा है कि संघर्ष लंबा चलेगा, आपकी सेहत जरूरी है।
4केंद्र चाहता है कि डल्लेवाल को उठाकर अस्पताल ले जाए। यह हम कैसे कर सकते हैं। किसान न तो वह हिंसक हो रहे हैं न कोई टकराव की स्थिति है। हमारे पर प्रेशर बनाने की जगह केंद्र सारे स्टेक होल्डर को बुलाकर बातचीत कर ले। भारत को विश्व गुरु बनाना चाहते है। बड़े-बड़े देशों के झगड़ों में योगदान डाल रहे हैं। यह किसान तो अपने ही देश के हैं, इनसे बातचीत की जाए।
5.मध्यप्रदेश के नेता शिवराज सिंह देश के खेती मंत्री हैं। वह वहां के मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्हें सारे इश्यू पता है। पंजाब और हरियाणा का मंडीकरण सिस्टम बहुत मजबूत है। अब नई एग्रीकल्चर मार्केटिंग पॉलिसी के ड्रॉफ्ट को लागू करइसे तोड़ने की कोशिश की जा रही है।
6. ठीक है आप हरियाणा इलेक्शन जीत गए हैं। जिस तरह के बयान नेताओं के आ रहे है, वह उचित नहीं है। हमारे डीजीपी, एडीजीपी, डीसी सारे अधिकारी किसानों से बातचीत कर रहे हैं। आंसू गैस के गोले व पानी की बौछारें हरियाणा मार रहा है। मामला केंद्र सरकार से जुड़ा है। हम नहीं चाहते है कि हमारे यहां किसी तरह की कैजुअल्टी हो।