पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में पाया गया दोषी
मोहाली की एक अदालत ने शुक्रवार को पंजाब के जालंधर में रहने वाले प्रसिद्ध ईसाई धर्म प्रचारक पादरी बजिंदर सिंह को 2018 के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी करार दिया।
अदालत द्वारा सजा का ऐलान 1 अप्रैल को किया जाएगा। 2018 का मामला, जिसमें प्रचारक को दोषी पाया गया है, जीरकपुर की रहने वाली एक पीड़िता द्वारा उसके खिलाफ लगाए गए बलात्कार के आरोप से संबंधित है, जिसने आरोप लगाया था कि पादरी ने उसे विदेश ले जाने के बहाने उसके साथ बिना सहमति के संबंध बनाए। ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पादरी के खिलाफ लगाए गए आरोपों में सिंह द्वारा कथित तौर पर शिकायतकर्ता का एक अश्लील वीडियो भी शामिल है।
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इस मामले में 20 अप्रैल, 2018 को आईपीसी और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत जीरकपुर पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस मामले में बजिंदर सिंह के अलावा पांच अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, इनमें पादरी जतिंदर, पादरी अकबर, सत्तार अली और संदीप पहलवान शामिल हैं।
बजिंदर सिंह पर महिला से यौन उत्पीड़न का मामला चल रहा है। महिला ने पुलिस से कहा था कि ताजपुर गांव में 'द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विस्डम' के पादरी बजिंदर सिंह ने जालंधर में उसके साथ गलत हरकतें की।
बजिंदर सिंह ने उसका फोन नंबर लेकर अश्लील मैसेज भेजने शुरू कर दिए। उसे चर्च में अकेले केबिन में बैठाना शुरू कर दिया। वहां वह उसके साथ गलत व्यवहार करता था। कपूरथला पुलिस ने मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित कर दी थी। इस केस की जांच SIT कर रही है। इसी मामले में युवती के बयान दर्ज में दर्ज करवाए गए हैं।