पंजाब में इस बार पंचायत चुनाव में दिख रहा है अलग ही रंग, देखिए कैसे लग रही हैं बोलियां
पंजाब में पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद गांवों में हलचल शुरू हो गई है। गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक के गांव हरदोवाल कलां में सरपंच पद के लिए 2 करोड़ की बोली लगाई गई। अभी इस पर फैसला नहीं आया है। आज भी बोली जारी रहेगी।
भाजपा नेता आत्मा सिंह के मुताबिक यह बोली और भी ऊंची जाएगी। उनका कहना है कि बोली में जो भी पैसा आएगा, उसे कहां खर्च करना है, इसका फैसला गांव की युवा सभा करेगी। जबकि पंचायत को दी जाने वाली ग्रांट अलग से होगी। आत्मा राम ने कहा कि इस बोली को लेकर सभी गांव वालों की सहमति है।
सूत्रों के मुताबिक अभी तक प्रशासन के पास कोई शिकायत नहीं पहुंची है। गांव में इस तरह की प्रक्रिया पहली बार हो रही है। इस मामले में गुरदासपुर के चुनाव अधिकारी उमा शंकर से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।2011 की जनगणना के मुताबिक गांव में 824 घर हैं। कुल जनसंख्या 4742 है, जिसमें 2494 पुरुष व 2248 महिलाएं हैं।
3 पार्टियों के बीच है मुकाबला
गांव की 3 पार्टियां इसमें बोली लगा रही हैं। जो सबसे ऊंची बोली लगाएगा, उसे सर्वसम्मति से सरपंच बनाया जाएगा। बोली लगाने वालों में आत्मा सिंह, जसविंदर सिंह बेदी, निरभैर सिंह शामिल हैं। बीजेपी नेता ने अभी तक सबसे ऊंची बोली लगाई है।
गांव में सरपंच पद के लिए बोली को लेकर गुरुद्वारा साहिब से घोषणा की गई। इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई। पता चला है कि आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल से कोई प्रतिनिधि बोली लगाने के लिए आगे नहीं आया।
सबसे पहले भाजपा नेता आत्मा राम ने 50 लाख रुपए की बोली लगाई। उनके मुकाबले जसविंदर सिंह ने 1 करोड़ की बोली लगाई। जिसके बाद आत्मा सिंह ने 2 करोड़ की बोली लगाई। यह बोली आज भी जारी रहेगी। उधर, भाजपा नेता विजय सोनी ने आत्मा सिंह 2 करोड़ की बोली लगाने के लिए बधाई दी है।
बोली की राशि खर्च करने का अधिकार सभा को
यह गुरदासपुर की सबसे बड़ी पंचायत है। पंचायत के पास 300 एकड़ की जमीन है। गांव में जब से पंचायत भंग हुई है, तब से गांव की युवा सभा (21 सदस्यीय समिति) सारी व्यवस्था देख रही है। सभा ने तय किया था कि इस बार जो व्यक्ति सरपंच पद के लिए सबसे ज्यादा राशि देगा, उसे सर्वसम्मति से गांव का सरपंच चुना जाएगा।
जो पैसा आएगा, उसे सभा गांव के विकास कार्यों पर खर्च करेगी। जबकि गांव के विकास के लिए सरकार से मिलने वाला अनुदान अलग से होगा। इस पर सभी ने सहमति जताई है।
आत्मा सिंह ने बताया कि शौक की कोई कीमत नहीं होती। उनके पिता भी सरपंच रह चुके हैं। उन्होंने बहुत से विकास कार्य कराए हैं। इसमें शर्त यह है कि बोली लगाने वाला चेक बुक लेकर आएगा। उस चेक बुक को सभा के पास जमा करवाना होगा। बोली जीतते ही पैसा गांव की युवा सभा के खाते में चला जाएगा। यह सभा रजिस्टर है। गांव के सभी घरों के लोग इसमें सदस्य हैं।
पंजाब के ग्रामीण मामलों को उठाने वाले व पंजाब अंगेस्ट करप्शन संस्था के प्रधान सतनाम सिंह दाऊं का कहना है कि ये गलत है। क्योंकि इससे आम लोगों के अधिकारों का हनन होगा। कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। इस तरह नहीं होना चाहिए। इसको लेकर स्टेट इलेक्शन कमीशन को पत्र लिखेंगे। मांग करेंगे कि इस तरह की प्रक्रिया नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो कार्रवाई होनी चाहिए।