पंजाब में SGPC अंतरिम कमेटी की बैठक:नारायण चौड़ा को पंथ से छेकने की मांग
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) अंतरिम कमेटी की बैठक में सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाला नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेकने (पंथ निकाला) की मांग रख दी है। बैठक के बाद एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने पुलिस के रवैये को नकारात्मक बताया। उन्होंने कमेटी बना कर आदेश दिया है पूरे षडयंत्र की 3 हफ्ते में जांच रिपोर्ट पेश की जाए।
एडवोकेट धामी ने कहा कि नारायण सिंह चौड़ा ने सुखबीर सिंह बादल पर हमला किया ये निंदनीय है। कमेटी ने फैसला किया कि नारायण सिंह चौड़ा को पंथ से छेक दिया जाए। इस हमले के साथ गोल्डन टेंपल की डियोढी पर गोली लगी है। ये श्री अकाल तख्त साहिब की तोहीन है। अंतरिम कमेटी महसूस करती है कि संगत में डर का माहौल पैदा हुआ है।
अंतरिम कमेटी ये भी महसूस करती है कि ये एक ढूंगी साजिश का नतीजा है। इसलिए अन्य दोषियों की पहचान के लिए मामले की जांच करनी चाहिए। इस लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो तीन हफ्ते में अपनी रिपोर्ट पेश करें। इस कमेटी के कोआर्डिनेटर प्रताप सिंह होंगे।
एडवोकेट धामी ने कहा कि इस जांच के दो पक्ष है। सरकार का पक्ष नाकारात्मक रहा है। एक व्यक्ति जो 20 साल से सरकार में सेवा निभा रहा है, वे पारिवारिक बन जाता है। उसकी सतर्कता ने घटना रोक ली। सरकार इसे पुलिस की मुस्तैदी बता रही है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस कमिश्नर का बयान आता है कि ये सिंपथी के लिए तो नहीं किया गया। यही कारण है कि एसजीपीसी अपने स्तर पर जांच करना चाहती है।
इस बैठक की घोषणा से पहले कमेटी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और घोषणा के बाद अंतरिम कमेटी के सदस्य श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मिलने भी पहुंचे थे। इतना ही नहीं, एडवोकेट की श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से तकरीबन 1 घंटे तक बातचीत भी हुई थी।
सुखबीर बादल की सजा 3 दिसंबर को गोल्डन टेंपल से शुरू हुई थी, जो 13 दिसंबर को पूरी होगी। श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से सुखबीर बादल और अन्य द्वारा दिए गए इस्तीफों को मंजूर कर इसकी रिपोर्ट भेजने का भी आदेश दिया गया है। लेकिन सजा के चलते अकाली दल ने श्री अकाल तख्त साहिब से इसे मंजूर करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए समय मांगा था और उनकी यह मांग श्री अकाल तख्त साहिब ने स्वीकार भी कर ली है।
वहीं सुखबीर बादल के इस्तीफे को स्वीकार करने में हो रही देरी पर बागी गुट एक बार फिर अलग नजर आया। बागी गुट ने सुखबीर बादल के इस्तीफे को स्वीकार करने में हो रही देरी को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों की अवहेलना बताया है।