दिल्ली में बरस रहा है प्रदूषण का कहर , AQI पहुँचा -412 से पार
दिल्ली की हवा लगातार जहरीली बनी हुई है। रविवार सुबह करीब 7 बजे दिल्ली के 7 जगहों पर AQI 400 के पार रिकॉर्ड किया गया। प्रदूषण का सबसे खतरनाक लेवल आनंद विहार में देखा गया। यहां AQI 412 रिकॉर्ड किया गया।
हालांकि, दिल्ली की हवा में मामूली सुधार हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, औसत AQI रविवार को 366 दर्ज किया गया। शनिवार को 412 रिकॉर्ड गिया गया था।
CPCB के डेटा के मुताबिक, नवंबर में दिल्ली का AQI 300 से नीचे नहीं आया है, इसलिए दिल्ली में 8 'गंभीर' और 15 'बहुत खराब' दिन दर्ज किए। राजधानी में नवंबर 2023 में 9 और 2022 में 3 'गंभीर' दिन देखे गए थे।
दिल्ली के अलावा मध्य भारत के कई शहर भी धुंध और कोहरे की चादर में हैं। चिंता की बात यह है कि अभी धुंध का पीक आना बाकी है। मौसम विभाग के मुताबिक, दिसंबर-जनवरी में धुंध वाले दिनों की संख्या सामान्य से अधिक हाे सकती है। यह धुंध पहले से ज्यादा घनी भी होगी।
तापमान में गिरावट और आने वाले दिनों में नमी 80% से अधिक रहेगी। इनसे न केवल कोहरा बनेगा बल्कि घनी आबादी के इलाकों में वाहनों, कारखानों के धुएं और निर्माण कार्यों की धूल से मिलकर कोहरा धुंध में तब्दील होगा।
अक्टूबर से नवंबर के दूसरे हफ्ते तक ली गई नासा की सैटेलाइट तस्वीरों में चिंताजनक डेटा सामने आया है। भारत की सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि 2016 और 2021 के बाद इस साल तीसरा वर्ष है, जब पंजाब, हरियाणा से लेकर यूपी तकखेतों में पराली जलाने की घटनाएं सर्वाधिक हुई। इसी वजह से स्मॉग ज्यादा गंभीर बना।
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (CEEW) का पूर्वानुमान है कि ढाई महीने में स्मॉग के कई दौर आएंगे। नवंबर से भी बड़ा स्मॉग आ सकता है। पेशावर से ढाका तक कई दिन टुकड़ों में या समूची पट्टी में कोहरा-स्मॉग छा सकता है। अमृतसर से गंगा सागरतक 2 हजार किमी क्षेत्र धुंध में ढका रह सकता है।
CEEW की प्रोग्राम लीड प्रियंका सिंह बताती हैं किउत्तर भारत में गंगा का मैदान सबसे निचला भू-भाग है। यहां ठंडी हवाएं जमा हो जाती हैं। इससे नमी बढ़तीहै और कोहरे की संभावना बढ़ाती है।