क्या आप भी मॉर्निंग सिकनेस से परेशान हैं? कारण और लक्षण के साथ जानें इलाज
मां बनना ज्यादातर महिलाओं का सपना होता है, लेकिन एक बच्चे को जन्म देना इतना भी आसान नहीं होता है। कई तरह की समस्याओं को झेलने के बाद एक औरत बच्चे को जन्म दे पाती है। करीब 70 प्रतिशत महिलाएं हैं जो उल्टी, जी मिचलाना जैसी समस्याओं से परेशान रहती हैं। आमतौर पर प्रेगनेंसी के तीसरे या चौथे महीने में मॉर्निंग सिकनेस के ज्यादातर लक्षण देखे जा सकते हैं। प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले कई बदलावों में से एक मॉर्निंग सिकनेस भी है जिसकी वजह, लक्षण और इलाज क्या हैं? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं और उन्हीं बदलावों में से एक मॉर्निंग सिकनेस भी है। इस दौरान प्रेग्नेंट महिला को चक्कर, उल्टी, जी मिचलाना और भूख न लगने जैसी समस्याएं होती हैं। ऐसे में जरूरी है कि गर्भवती महिला डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
मॉर्निंग सिकनेस का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन इसके पीछे की वजह प्रेगनेंसी से संबंधित हार्मोनल परिवर्तनों को माना गया है। इन बदलावों में सबसे अहम हार्मोन प्लेसेंटा द्वारा निर्मित ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (hCG) को माना जाता है। इसका लेवल हाई होने पर मतली और उल्टी जैसी समस्या होती है।
इसके एक कारण एस्ट्रोजन भी माना जाता है। गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन नामक हार्मोन के कारण पाचन संबंधित समस्या हो सकती है। इसके अलावा एक हार्मोन प्रोजेस्टेरोन है जो पाचन तंत्र को भी धीमा करने के साथ-साथ मतली जैसी समस्या को बढ़ावा देता है।
मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण
- उल्टी करना
- थकान
- भूख में कमी
- जी मिचलाना
- डिहाइड्रेशन
मॉर्निंग सिकनेस किसी तरह की कोई बीमारी नहीं है जिसका इलाज किया जाए, लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है। गर्भावस्था के साइड इफेक्ट्स के तौर पर मॉर्निंग सिकनेस को जाना जाता है। इसे कंट्रोल करने के साथ-साथ इसके लक्षणों को कम करने के लिए तरीकों को अपनाया जा सकता है।
1. आहार में बदलाव- आसानी से पचने वाले भोजन का सेवन करें। इसके अलावा अदरक की चाय या पुदीना की चटनी को आहार में शामिल कर आप मतली को रोक सकते हैं।
2. हाइड्रेशन- मॉर्निंग सिकनेस में डिहाइड्रेशन होना आम बात है, लेकिन अगर आप समय-समय पर पानी का सेवन करें और इलेक्ट्रोलाइट पानी को पीते हैं तो आप खुद हाइड्रेट रख सकते हैं।
3. नींद भी जरूरी- ज्यादा से ज्यादा आराम करना भी बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद का लेना तो बहुत ज्यादा जरूरी है। 8 से 9 घंटे की नींद जरूर लें और बिना वजह के तनाव से दूर रहें।