हिसार में जर्मनी भेजने का झांसा दे 17.60 लाख हड़पे
4 लाख 99 हजार 500 रुपए दीपक के कहने पर अलग-अलग खाते में डाले
हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव सिंघवा खास के 4 व्यक्तियों के साथ जर्मनी भेजने के नाम पर 17 लाख 59 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। मामले में बास थाना पुलिस ने सिंघवा खास निवासी दीपक व उसकी पत्नी प्रियंका, सूर्या व उसकी मां प्रमोद और रोहतक जिले के महम के गांव लाखन माजरा निवासी बिजेन्द्र राठी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।
गांव सिंघवा खास निवासी रविंद्र, कृष्ण, विजय व जयबीर इत्यादि ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने विदेश भेजने के लिए सिंघवा खास निवासी दीपक व उसकी पत्नी प्रियंका, सूर्या व उसकी मां प्रमोद और रोहतक जिले के महम के गांव लाखन माजरा निवासी बिजेन्द्र राठी ने उनसे 17 लाख 59 हजार 500 रुपए लिए थे।
इसमें रविंद्र कुमार ने 4 लाख 99 हजार 500 रुपए दीपक के कहने पर अलग-अलग खाते में डाले थे। वही विजय व उसके बेटे आशीष ने सूर्या के बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में 6 लाख रुपए डाल दिए। वहीं जयबीर ने सूर्या के बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में 5 लाख 50 हजार रुपए डाल दिए। वहीं कृष्ण ने दीपक के बताए गए अलग-अलग बैंक खातों में 6 लाख रुपए डाल दिए।
इसके बाद दीपक ने एक महीने बाद दीपक ने 3 लाख 50 हजार, दो-तीन महीने के बाद दीपक ने 1 लाख 40 हजार को दिए और उसके एक लाख 10 हजार रुपए दीपक की तरफ बकाया है। उन चारों के साथ सभी आरोपियों ने मिलकर 17 लाख 59 हजार 500 रुपए की धोखाधड़ी की है।
सिंघवा खास निवासी विजय ने बताया कि उनके साथ 12-12 लाख रुपए में चारों को जर्मनी भेजने की बात हुई थी। इसके लिए आरोपियों ने कहा था कि उनको पहले 3 महीने के लिए दुबई में काम करना पड़ेगा और उसके बाद उनको जर्मनी भेजा जाएगा।इसके लिए उन्होंने विजय के बेटे आशीष और जयबीर के बेटे सोनू को दुबई भेज दिया। वहां पर आरोपी सिंघवा खास निवासी दीपक व उसकी पत्नी प्रियंका का होटल है। करीब सवा 3 महीने तक वहीं पर आशीष व सोनू से काम करवाया गया।
उसके बदले में उनकी सिर्फ रहने और खाने की व्यवस्था ही की गई। इस दौरान करवाए गए काम का भी उनको कोई पैसा नहीं दिया गया। इसके बाद उनको सवा तीन महीने बाद दीपक व उसकी पत्नी प्रियंका ने यह कहकर वापस गांव सिंघवा खास भेज दिया कि उनको कुछ दिन बाद गांव से ही सीधा जर्मनी भेज दिया जाएगा। इसके बाद न तो उनको जर्मनी भेजा और न ही उनके रुपए लौटाए गए।