तख्त दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाएं समाप्त
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की बैठक में श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है। ज्ञानी जगतार सिंह तख्त श्री दमदमा साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार बनाया गया है। बैठक अमृतसर स्थित एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हॉल में हुई, जिसकी अध्यक्षता एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने की।
बैठक में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जांच कर रहे कमेटी की रिपोर्ट को मान लिया गया है। जिसके बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को समाप्त करने का फैसला लिया गया है। इस दौरान कुछ एसजीपीसी सदस्यों ने फैसले का विरोध भी किया, लेकिन बहुमत में फैसला लिया गया।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह को एसजीपीसी ने पहले ही निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के कथित कर्तव्यों के उल्लंघन और प्रशासनिक अनियमितताओं की जांच के लिए एसजीपीसी ने जांच कमेटी का गठन किया था।
बैठक में कुल 13 सदस्यों ने भाग लिया। जिनमें विरोधी गुट के अमरीक सिंह, परमजीत सिंह रायपुर और जसवंत सिंह ने एसजीपीसी के फैसलों का विरोध किया। परमजीत सिंह रायपुर ने जानकारी दी कि उनके व अन्य दोनों मैंबरों की तरफ से विरोध जताया गया था, जिसमें जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह के फैसले की बात कही गई थी। ज्ञानी रघबीर सिंह ने साफ कहा था कि जत्थेदार पर कार्रवाई एसजीपीसी का अधिकार क्षेत्र नहीं है और मर्यादा में रह कर ही कार्रवाई की जाए।
विरोधी सदस्यों ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। तीनों सदस्यों ने कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ ये कार्रवाई 2 दिसंबर के फैसले को लेकर की गई है। 2 दिसंबर को उन्होंने सख्त फैसला लिया था, जो पंथ के हित में था।
Read Also : दिल्ली की 7वीं विधानसभा भंग, आतिशी ने दिया इस्तीफा
उल्लेखनीय है कि श्री मुक्तसर साहिब निवासी गुरप्रीत सिंह ने दावा किया था कि उसकी शादी जत्थेदार की साली से हुई है। उसने 16 दिसंबर 2024 को एसजीपीसी अध्यक्ष के समक्ष जत्थेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।