आंदोलनकारी किसान कमेटी से बातचीत को हुए राजी , कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मांगा टाइम
किसान आंदोलन को लेकर सोमवार (6 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें पंजाब सरकार ने दावा किया कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल कोर्ट की बनाई कमेटी से मिलने के लिए राजी हो गए हैं। पंजाब सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए।
उन्होंने कहा कि हमने आंदोलनकारी किसानों को कोर्ट की बनाई हाईपावर कमेटी के अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह से मिलने के लिए मना लिया है। उम्मीद है इस मामले में कुछ सकारात्मक निकलेगा।सिब्बल ने इस मामले की सुनवाई कुछ समय बाद करने की अपील की। जिस पर कोर्ट ने इसकी सुनवाई शुक्रवार (10 जनवरी) के लिए तय कर दी।
इससे पहले डल्लेवाल ने कमेटी अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा था कि उनका प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से मिला था लेकिन कमेटी को शंभू और खनौरी बॉर्डर आने का टाइम नहीं मिला। क्या वे मेरी मौत का इंतजार कर रहे थे। तब डल्लेवाल ने कहा था कि हम सिर्फ केंद्र सरकार से बात करेंगे।
बता दें कि हरियाणा–पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से किसान आंदोलन चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़े 2 मामले चल रहे हैं। पहला मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के शंभू बॉर्डर खोलने के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार की याचिका का है।
दूसरी खनौरी बॉर्डर पर 42 दिन से अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती न कराने की पंजाब सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका है। 2 जनवरी को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामले एक साथ रखने को कहा था।