कनाडा की मोस्ट वांटेड लिस्ट से गोल्डी बराड़ बाहर ,पूर्व उच्चायुक्त संजय वर्मा ने दी जानकारी
कनाडा सरकार ने भारत द्वारा वांटेड घोषित गैंगस्टर गोल्डी बरार का नाम अपनी 'मोस्ट वांटेड' सूची से हटा दिया है। कनाडा सरकार के इस फैसले की वजह भारत और कनाडा के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में विवाद माना जा रहा है।
कनाडा में छिपे गोल्डी बरार पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप है और भारत सरकार ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस भी जारी किया था। कनाडा में भारत के पूर्व उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने एनआईए को दिए इंटरव्यू में बताया कि कनाडा सरकार ने अप्रत्याशित रूप से कुख्यात गैंगस्टर गोल्डी बरार का नाम अपनी वांछित सूची से हटा दिया है।
उन्होंने कहा कि कनाडा ऐसे अपराधियों और चरमपंथियों को पनाह दे रहा है जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। कनाडा में बरार का नाम हटाने का फैसला दोनों देशों के बीच चल रहे कूटनीतिक मुद्दों का हिस्सा है। कनाडा का यह रवैया चरमपंथ के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग की कमी को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने कनाडा को गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई सहित कुछ गैंगस्टरों के नाम प्रदान किए थे ताकि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके। इसके बावजूद, गोल्डी बराड़ का नाम हटाने के निर्णय से भारत में सुरक्षा और न्याय से जुड़े सवाल खड़े हो गए हैं
गोल्डी बराड़ का आपराधिक इतिहास और भारत में उसके खिलाफ कार्रवाईयों की लंबी सूची है। गोल्डी बराड़ को भारतीय गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मुख्य आरोपी माना गया है। मई 2022 में, जब मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तब गोल्डी ने सोशल मीडिया पर इस हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि यह उनकी गैंग और लॉरेंस बिश्नोई गैंग का संयुक्त प्रतिशोध था। भारत सरकार ने उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के प्रयास किए, जिसमें इंटरपोल का रेड नोटिस भी शामिल था।
इसके अतिरिक्त, गोल्डी बराड़ पंजाब में कई अन्य आपराधिक मामलों में भी आरोपी है। उस पर हथियारों की तस्करी, हत्या, और धमकी देने जैसे अपराधों में शामिल होने के आरोप लगे हैं। बराड़ की गतिविधियों को देखते हुए, भारत सरकार ने उसे आतंकवादी भी घोषित कर दिया है और उसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा माना है।