Digital Fraud रोकने के लिए सरकार का बड़ा कदम! जानें डिटेल्स
कनाडा ने भारत जाने वाले यात्रियों की अतिरिक्त जांच के फैसले को वापस ले लिया है. सीबीसी न्यूज के मुताबिक, कनाडा की ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिता आनंद के कार्यालय ने बीते रोज (21 नवंबर 2024) इसकी जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने प्रतिबंधों को हटा दिया है. यह नए नियम पिछले सप्ताह ही लागू किए गए थे.
कनाडा की ट्रांसपोर्ट मंत्री अनिता आनंद की ओर से बीते सोमवार कहा था कि कनाडा से भारत जाने वाले यात्रियों के लिए अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है. एयर कनाडा की तरफ से भारत जाने वाले यात्रियों को एक नोटिस भी भेजा गया था, जिसमें कहा गया था कि भारत जाने वाले सभी यात्रियों के लिए सुरक्षा संबंधी कड़े आदेशों के कारण उनकी आगामी फ्लाइट के लिए प्रतीक्षा समय अपेक्षा से अधिक होने की उम्मीद है.
यात्रियों और उनके सामान की जांच की बात कही
हालांकि, कनाडा सरकार ने नए प्रोटोकॉल हटाने के कारणों को स्पष्ट नहीं किया. कनाडाई वायु परिवहन सुरक्षा प्राधिकरण (CATSA) की ओर से किए गए उपायों में बताया गया था कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने से पहले हवाई अड्डों पर यात्रियों और उनके सामान की जांच होगी.
जांच के कारण लंबी कतारें लगी
रिपोर्टों के मुताबिक, भारत जाने वाली उड़ानों में अतिरिक्त जांच के कारण देरी हुई और हवाई अड्डों पर लंबी कतारें लग गईं. जांच बढ़ाने की घोषणा उस समय की गई जब अक्टूबर में नई दिल्ली से शिकागो जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान में बम होने की धमकी मिली थी. उड़ान को कनाडा के इकालुइट में डायवर्ट किया गया था. हालांकि, यहां जांच के बाद कोई विस्फोटक नहीं मिला था.
फ्लाइटों में मिली धमकियों के बीच खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भी एक से 19 नवंबर तक एयर इंडिया की उड़ान के खिलाफ सार्वजनिक धमकी जारी की थी. कनाडा और अमेरिका की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नू ने पहले भी इसी तरह की धमकियां दी हैं.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस आरोप के बाद से कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक गतिरोध बना हुआ है कि कनाडा की धरती पर निज्जर की हत्या में भारत सरकार शामिल थी. भारत ने लगातार इन दावों का खंडन करते हुए इन्हें बेतुका बताया. संबंध और खराब तब हुए जब रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने भारतीय एजेंटों पर कनाडा में हत्या और धमकी सहित आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया. तब से दोनों देशों ने शीर्ष दूतों को निष्कासित कर दिया और कई मोर्चों पर सहयोग को रोक दिया है.