अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों पर हमला किया ,5 हथियार डिपो किए तबाह
अमेरिकी एयर फोर्स ने बुधवार रात यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर बमबारी की। अलजजीरा ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के हवाले से बताया कि B-2 स्टील्थ बॉम्बर से यमन की राजधानी सना के नजदीक 5 ठिकानों पर पर सटीक हमला हुआ।
ऑस्टिन ने कहा कि जमीन के भीतर हूती विद्रोहियों ने घातक हथियार छुपा रखे थे। इसका इस्तेमाल वे दूसरे देशों पर हमला करने और लाल सागर और अदन की खाड़ी में जहाजों को निशाना बनाने के लिए करते थे।
अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा कि ये हमले राष्ट्रपति बाइडेन के निर्देश पर किए गए। उन्होंने कहा कि हमारे जवाब से साफ है कि दुश्मन अपने हथियारों को जमीन के कितने ही भीतर छुपाकर रख ले, हम उसे ढूंढ़कर बर्बाद कर देंगे।
हूती विद्रोहियों ने भी इस हमले की पुष्टि की है। हालांकि इसमें कितना नुकसान हुआ है इस बारे में उन्होंने जानकारी नहीं दी। हूती के डिप्टी हेड नसरुद्दीन आमेर ने कहा कि अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी होगी।
ये पहली बार है जब अमेरिका ने यमन में B-2 बॉम्बर का इस्तेमाल किया है। इसके पहले अमेरिकी सेना यमन में फाइटर जेट का इस्तेमाल करती रही है। अमेरिका ने एक महीने पहले ही में B-2 स्टील्थ बॉम्बर की तैनाती हिंद महासागर में मौजूद सीक्रेट मिलिट्री बेस डिएगो गार्सिया पर की थी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक B-2 स्टील्थ बॉम्बर को अमेरिका का सबसे घातक हथियार माना जाता है। कोल्ड वॉर के दौरान अमेरिका और रूस खतरनाक हथियारों की रेस में लगे थे। तब अमेरिका में इसे तैयार किया गया था। साल 1987 से 2000 तक B-2 स्टील्थ बॉम्बर का निर्माण हुआ।
अमेरिका ने 132 यूनिट B-2 स्टील्थ बॉम्बर बनाने का टार्गेट रखा था मगर 21 का ही निर्माण किया जा सका। दो B-2 विमान 2008 और 2022 में हादसे का शिकार हो गए थे। अमेरिका के पास अब सिर्फ 19 B-2 स्टील्थ बॉम्बर बचे हैं।
B-2 विमान फाइटर जेट की तुलना में ज्यादा बमों को ले जाने में सक्षम है। यह परमाणु हथियार भी ले जा सकता है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक बजट ज्यादा होने की वजह से अब B-2 विमान नहीं बनाया जाता है। अमेरिका ने आज तक किसी भी देश को यह विमान नहीं बेचा है।
इजराइल 7 अक्टूबर से ही गाजा पर हमला कर रहा है। इसके जवाब में हूती विद्रोही समंदर में इजराइल के सहयोगी देशों के जहाजों को निशाना बना रहे हैं।