समुद्र से आई मौत, साथ ले गई 14 लोग; 2 बच्चे Avlanche से जानिए कैसे बचे?
1995 iceland village sudavik avalanche
1995 iceland village sudavik avalanche
समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठीं। इतनी जोरदार कंपन हुआ कि पहाड़ तक हिल गए और फिर जो धरती और आसमान से जो भूचाल आया, वह अपने साथ पूरे गांव को बहाकर ले गया। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों की गोद में बसे गांव में 25 घर थे, जिनमें से 15 घर पूरी तरह तबाह हो गए। इन घरों में रहने वाले करीब 26 लोग बह गए, जिनमें से 14 लोग मारे गए। 14 साल की नाबालिग लड़की और 10 साल के बच्चे को बचाव दल के सदस्यों ने तलाश लिया। 19 साल पहले आइसलैंड में समुद्र किनारे बसे गांव सुदाविक ने मौत और तबाही का जो मंजर देखा, उसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया।
Read also: लियोनल मेसी बने साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी, महिलाओं में ऐताना बोनमती ने जीता अवॉर्ड
समुद्र-पहाड़ ने मिलकर तबाही का मंजर दिखाया-
16 जनवरी 1995 की सुबह करीब साढ़े 6 बजे लोग नींद के आगोश में थे कि अचानक झटके लगे। ऊपर से पहाड़ दरका, नीचे से समुद्र की लहरें-तूफान आईं, 400 मीटर चौड़ा भूस्खलन हुआ और पूरा गांव उसमें समा गया। हादसे के बाद 4 मिनट के अंदर पड़ोसी शहर की पुलिस को इमरजेंसी कॉल आई, जिसने तुरंत खोजी और बचाव दल भेजा। 4 लोगों को तुरंत बचा लिया गया। अगले कुछ घंटों में 11 लोग और तलाश लिए गए। बेहद खराब मौसम के कारण गांव से शहर तक की सड़क ब्लॉक हो गई तो भूस्खलन पीड़ितों को नावों के जरिए शहर तक पहुंचाया गया। शाम करीब 7:30 बजे (भारतीय समयानुसार) 19:30 पर 100 मीटर चौड़ा दूसरा हिमस्खलन हुआ, जिसमें पावर स्टेशन समेत कई खाली घरों को नुकसान पहुंचाया। शहरभर में बिजली ठप हो गई। करीब सवा 8 बजे आई समुद्री लहर पुल को बहा ले गई। बचाव दल के जहाज के नेविगेशनल इंस्ट्रूमेंट्स को तबाह कर दिया।परिणामस्वरूप बचाव दल को अपना मिशन छोड़कर पनाह लेनी पड़ी।
1995 iceland village sudavik avalanche