पूर्व डीजीपी सैनी के खिलाफ चलेगा ट्रायल ,कोर्ट ने सौंपी चार्जशीट की कॉपी
33 साल पुराने IAS के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी हत्याकांड में पंजाब पुलिस के पूर्व DGP सुमेध सैनी पर केस दर्ज होने के 4 साल बाद ट्रायल शुरू हो गया है। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने दिसंबर 2020 में सैनी के खिलाफ हत्या समेत सात धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। उस चार्जशीट की कॉपी सैनी के वकीलों और पूर्व डीएसपी केआईपी को मोहाली अदालत में सोमवार को सौंप दी गई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर तय की गई है। हालांकि सैनी इस दौरान पेश नहीं हुए।
एसआईटी की तरफ से सैनी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 364, 201, 344, 330, 219 और 120 के तहत चार्जशीट दाखिल की गई है। चार्जशीट 500 पेज की हैं। इसमें 47 के करीब गवाह बनाए गए हैं। वहीं, पुलिस ने मामले में पूर्व सब इंस्पेक्टर जागीर सिंह व थानेदार कुलदीप सिंह को वायदा माफ गवाह बनाया है। जबकि पूर्व सब इंस्पेक्टर अनूप सिंह और सब इंस्पेक्टर हरसहाय शर्मा को जांच के बाद बेगुनाह पाया गया है।
इस मामले में नामजद पूर्व डीएसपी बलदेव सिंह सैनी और इंस्पेक्टर सतवीर सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है। हालांकि जांच टीम की तरफ से मामले में केआईपी सिंह को पहले ही नामजद कर लिया गया था। इस मामले में पहले सुप्रीम कोर्ट में स्टे लगी थी। दूसरी तरफ सुमेध सैनी अदालत से मिली छूट के कारण अदालत में पेश नहीं हुए।
एसआईटी के मुताबिक IAS अधिकारी दर्शन सिंह मुल्तानी के बेटे पलविंदर सिंह मुल्तानी निवासी जालंधर ने एसएसपी को शिकायत दी थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके भाई को 11 दिसंबर 1991 में मोहाली फेज-सात घर से उठाया गया था। उसके बाद से उसके भाई का कोई सुराग नहीं लग पाया है। इस दौरान पहले उसके भाई को फेज-10 हाउसफैड के फ्लैटों में ले गए थे। वहां से जसप्रीत, इंदरजीत सिंह और मनजीत सिंह को उठाया गया था। फिर प्रो.दविंदर पाल सिंह भुल्लर की तलाश में सभी को बठिंडा ले गए। वहां से आते हुए प्रो. भुल्लर के ससुर काे उठा लाए।
फिर सेक्टर-17 थाने में उसके भाई पर केस दर्ज किया गया। उसके पिता आईएएस अधिकारी थे। ऐसे में उनकी तरफ से केस में अपनी तरफ से कोई कसर नहीं छोड़ी गई । लेकिन बात सिरे नहीं चढ़ पाई। कानूनी जंग लड़ी। इसी बीच साल 2015 के अंत में पंजाब पुलिस के एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने एक राष्ट्रीय नामी मैगजीन को अपना इंटरव्यू दिया था।
इसमें उस अधिकारी ने खुलासा किया था कि उस समय सुमेध सिंह सैनी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने कैसे लोगों को यातनाएं दी थी। इंटरव्यू उनके भाई का जिक्र भी किया गया था। इन यातनाओं से उसके भाई की मौत हो गई थी। इसके बाद विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में इंटरव्यू को प्रकाशित किया गया था। इसके बाद उन्होंने यह शिकायत दी थी।