बठिंडा में किसानों ने समाप्त किया धरना ,ढाई घंटे तक चली अधिकारियों के साथ बैठक
बठिंडा में भारत माला सड़क परियोजना के तहत प्रशासन द्वारा किसानों की जमीनों पर जबरन कब्जा करने और किसानों द्वारा विरोध करने और उन पर भारी लाठियां बरसाने के बाद आज किसान मोर्चा के नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हुई। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया है। मामला सुलझाने के लिए एक कमेटी भी बनाई गई है।
पहले दौर की वार्ता सुबह हुई, जिसमें किसान नेताओं ने दून्नेवाला में कल से चल रही बैठक में कहा गया कि सबसे पहले छापेमारी रोकी जाए, गिरफ्तार किसानों को रिहा किया जाए और पुलिस द्वारा जब्त किए गए मोबाइल फोन और अन्य सामान लौटाए जाएं।
दूसरे दौर की बैठक करीब तीन बजे शुरू हुई। इसमें डीजीपी जसकरण सिंह, पूर्व डीआईजी नरेंद्र भार्गव और डीआईजी एचएस भुल्लर, डीसी शौकत अहमद पारे, एसएसपी अमनित कोंडल और किसानों की ओर से प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां, झंडा सिंह जेठूके, सिंगारा सिंह मान, रूप सिंह छन्ना शामिल हैं कालाझर, जनक सिंह भुटाल शामिल थे।
आज प्रशासन के साथ ढाई घंटे की लंबी बैठक के बाद एडीजीपी जसकरण सिंह मंच पर आए और कहा कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत मुआवजे में बढ़ोतरी या अन्य संयुक्त खाते, चक्के, चक्के से जुड़े सभी मुद्दों को किसानों और प्रशासन के सहयेाग से पांच दिन में सुलझा लिए जाएंगे। इस दौरान इन गांवों में सड़क निर्माण कार्य बंद रहेगा।
भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने डिप्टी कमिश्नर बठिंडा शौकत अहमद पारे द्वारा भारत माला प्रोजेक्ट के तहत विवादित जमीन के मालिकों से चेक लेने के बारे में जानबूझकर गलत बयान देकर लोगों को गुमराह करने के ऐसे बयानों की कड़ी निंदा की है। अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।