किसानों के हित के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी से कार्य करना सुनिश्चित किया जाए: डॉ. करनजीत सिंह गिल
बठिंडा, 8 जनवरी: डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद पारे के दिशा-निर्देशानुसार मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ. करणजीत सिंह गिल ने रबी फसलों पर फोकस करते हुए स्थानीय कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ पहली बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे किसानों […]
बठिंडा, 8 जनवरी: डिप्टी कमिश्नर श्री शौकत अहमद पारे के दिशा-निर्देशानुसार मुख्य कृषि अधिकारी डाॅ. करणजीत सिंह गिल ने रबी फसलों पर फोकस करते हुए स्थानीय कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ पहली बैठक की। इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे किसानों के हित के लिए पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से एक टीम के रूप में कार्य करें ताकि जिले को कृषि क्षेत्र में प्रगति पथ पर ले जाया जा सके। इस अवसर पर जिला प्रशिक्षण पदाधिकारी डाॅ. सरवन सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे।
इस अवसर पर डाॅ. करणजीत सिंह गिल ने कृषि जनगणना वर्ष 2021-22 के चल रहे कार्य की समीक्षा की और अधिकारियों को इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का आदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले उर्वरक एवं कीटनाशक उपलब्ध कराये जायें तथा उनके नमूने लेकर प्रयोगशाला में परीक्षण के लिये भेजे जायें ताकि किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले उर्वरक एवं कीटनाशक उपलब्ध कराये जा सकें तथा फेल होने वाले नमूनों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जायें।
इस बीच, डॉ. सरवन सिंह ने जिले में माह जनवरी 2024 में आयोजित होने वाले ब्लॉक/ग्राम स्तरीय किसान प्रशिक्षण शिविरों की सूची साझा की और कहा कि इन शिविरों में अधिक से अधिक किसानों को शामिल किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इन शिविरों में सहायक विभागों के अधिकारियों को भी शामिल किया जाता है ताकि किसानों को कृषि के साथ-साथ सहायक व्यवसायों से भी अधिक से अधिक लाभ मिल सके।
इस अवसर पर डाॅ. गिल ने कहा कि जिले में आयोजित होने वाले किसान प्रशिक्षण शिविरों में किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्माननिधि योजना के बारे में जानकारी दी जाए तथा मौके पर ही अधिक से अधिक किसानों की ईकेवाईसी कराई जाए। उन्होंने आत्मा योजना की वर्ष 2024-25 की जिला कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि शिविरों के माध्यम से किसानों को बताया जाए कि तापमान में कमी के कारण गेहूं की फसल पर गुलाबी कीट का प्रकोप कम हो गया है, जिससे छिड़काव की आवश्यकता नहीं है।