लोकसभा की कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित, राज्यसभा में चर्चा जारी
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को पुलिस द्वारा गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर पर रोके जाने पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश किया. उस समय वह हिंसा प्रभावित संभल जा रहे थे. अपने नोटिस में गोगोई ने कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी को संभल जाने से रोककर सरकार ने विपक्ष के सरकार को जिम्मेदार ठहराने के अधिकार की 'अवहेलना' की है. यह गंभीर चिंता का विषय है कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी को हाल के क्षेत्रीय तनाव की जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए कल संभल जाने से रोका गया. इस यात्रा का उद्देश्य शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना था.
गोगोई ने कहा कि सरकार का यह अभूतपूर्व और अलोकतांत्रिक कदम संसदीय निगरानी के मौलिक सिद्धांतों और सरकार को जवाबदेह ठहराने के विपक्ष के अधिकारों की घोर अवहेलना है. गोगोई ने आगे जोर देकर कहा कि राहुल गांधी को साइट पर जाने से 'मना' करके सरकार ने लोगों की चिंता बढ़ाने के लिए विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी को 'कमजोर' किया है.
उन्होंने कहा कि जनता के प्रतिनिधि के रूप में विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी है कि वे लोगों की चिंताओं को उठाएं और सरकार को जवाबदेह ठहराएं. उन्हें महत्वपूर्ण स्थलों तक पहुंचने से रोकना इस कर्तव्य को पूरा करने की उनकी क्षमता को कमजोर करता है. यह कृत्य असहमति को दबाने और विपक्ष की आवाज को दबाने का एक जबरदस्त प्रयास है. यह घटना राज्य सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल उठाती है.
बुधवार को राहुल गांधी, वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ संभल जाने की कोशिश करते समय गाजीपुर सीमा पर पुलिस ने उन्हें रोक लिया. राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस हमें जाने नहीं दे रही है. विपक्ष के नेता के तौर पर मेरा अधिकार है कि मैं वहां जाऊं, फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं.
मैं अकेले या पुलिस सुरक्षा में जाने को तैयार हूं, लेकिन उन्होंने उसे भी अस्वीकार कर दिया है. उनका दावा है कि हम कुछ दिनों में वापस आ सकते हैं, लेकिन यह विपक्ष के नेता और संविधान के अधिकारों का उल्लंघन है. हम बस संभल जाना चाहते हैं, लोगों से मिलना चाहते हैं और समझना चाहते हैं कि क्या हुआ है.
इस अधिकार को नकारना 'नए भारत' की स्थिति को दर्शाता है, एक ऐसा भारत जो संविधान और अंबेडकर के दृष्टिकोण को कमजोर कर रहा है. हम लड़ाई जारी रखेंगे. संभल में हिंसा 24 नवंबर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा मुगलकालीन मस्जिद की जांच के दौरान भड़की थी. झड़पों में चार लोगों की मौत हो गई और पुलिस कर्मियों और स्थानीय लोगों में से कई घायल हो गए. एएसआई सर्वेक्षण एक स्थानीय अदालत में दायर याचिका के बाद किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद मूल रूप से हरिहर मंदिर के स्थल पर बनाई गई थी.