नवजात में दिखें ये 5 लक्षण, तो तुरंत समझ जाएं कि हो सकता है डाउन सिंड्रोम
Down syndrome
Down syndrome
नवजात बच्चों में जन्म के साथ ही कई तरह की बीमारियां होती है। कुछ ऐसे भी रोग होते है जो जन्म से कुछ साल बाद अपने आप ठीक हो जाते है। लेकिन कुछ ऐसे भी रोग लेकर बच्चा पैदा होता है जो जीवन भर कभी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाते है। इस रोग से प्रभावित देखने में सामान्य लग सकता है लेकिन इस बच्चे की मानसिक क्षमता अन्य बच्चों की तुलना में कम हो सकती है। आज इस रोग से बहुत बड़ी संख्या में बच्चे प्रभावित हो रहे है। अकेले अमेरिका में हर साल लगभग 6 हजार बच्चे डाउन सिंड्रोम रोग के साथ पैदा होते है।
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क्या है डाउन सिंड्रोम?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चा जब पैदा होता है तो उसके शरीर में 46 क्रोमोसोम होते है, जो उसे अपने माता-पिता से आनुवांशिक रूप से मिले होते है। वहीं डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के शरीर में 21वां क्रोमोसोम अतिरिक्त होता है। वहीं कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि जो महिलाएं 35 साल की आयु के बाद बच्चा प्लान करती है, उनके बच्चे के साथ ऐसी स्थिति होने की संभावना अधिक हो जाती है।
ऐसे बच्चों का कैसे रखें ख्याल-
- डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों का ख्याल हमें थोड़ा ज्यादा रखने की जरूरत होती है।
- इसलिए आप ऐसे बच्चों को संतुलित आहार दें, इसके साथ ही इन्हें रोजाना शारीरिक व्यायाम जरूर कराएं।
- डेली थोड़ी देर का व्यायाम ऐसे बच्चों को शारीरिक रूप से एक्टिव रखने में काफी मदद करेगा।
- वहीं डाइट और एक्सरसाइज से इनकी इम्यूनिटी भी बूस्ट हो जाएगी।
- इसके अलावा इन बच्चों को स्पीच थेरेपी भी काफी फायदा करती है, इससे उनकी बोलचाल की समस्या दुरुस्त होती है।
Down syndrome
डाउन सिंड्रोम के लक्षण-
- आंखों का ऊपर की ओर उठा होना।
- आंखों से तिरछा देखना।
- जीभ का मोटा या चपटा होना।
- मुंह और सिर का साइज छोटा होना।
- गर्दन का छोटा होना।
- हाथ-पैरों का साइज भी छोटा होना।
- सामान्य से कम लंबाई होना।