हरियाणा के सरकारी कर्मचारी 25 लाख तक ले सकेंगे एडवांस : CM
हरियाणा सरकार ने 14 साल बाद सरकारी कर्मचारियों को एडवांस और कर्ज को लेकर बड़ी राहत दी है। प्रदेश सरकार ने 14 साल बाद गृह निर्माण, विवाह, वाहन और कंप्यूटर खरीदने के लिए अग्रिम और ऋण की सीमा में बढ़ोतरी की है। इससे पहले 22 नवंबर 2010 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में यह बढ़ोतरी की थी।
सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारी अब मकान बनाने के लिए 25 लाख रुपए तक एडवांस ले सकेंगे। बेटे-बेटी की शादी के लिए तीन लाख रुपए का कर्ज मिल सकेगा। वाहन और कंप्यूटर खरीदने के लिए भी ऋण की राशि में बढ़ोतरी की गई है।
वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने अग्रिम राशि में बढ़ातेरी को लेकर सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार, मंडल आयुक्तों, उपायुक्त एवं उपमंडल अधिकारी (नागरिक) को निर्देश जारी कर दिए हैं।
सरकारी कर्मचारी को उसकी पूरी सेवा अवधि में 25 लाख रुपए तक केवल एक बार एडवांस मिलेगा। गृह आवास भत्ता केवल एक व्यक्ति (पति या पत्नी) को दिया जाएगा। ब्याज दर जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) के बराबर होगी। मकान खरीद के लिए 34 महीने का मूल वेतन या अधिकतम 25 लाख रुपए, जो भी कम हो, दिया जाएगा।घर बनाने के एडवांस की कुल मंजूर राशि का 60 प्रतिशत अर्थात किसी भी वेतन मैट्रिक्स में 20 महीने का मूल वेतन और अधिकतम 15 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसके बाद शेष 10 लाख रुपए उसी भूखंड पर घर के निर्माण के लिए दिए जाएंगे।
10 महीने का मूल वेतन या किसी भी वेतन मैट्रिक्स में अधिकतम पांच लाख रुपए अग्रिम लिए जा सकेंगे। मकान के विस्तार के लिए खरीद के तीन साल और मरम्मत के लिए मकान खरीदने के पांच साल के भीतर ही यह राशि दी जाएगी। उन कर्मचारियों के मामले में, जिन्होंने सरकार से पहले गृह निर्माण अग्रिम लिया था, वे पहले के अग्रिम के आहरण शुरू होने के सात वर्ष बाद अग्रिम राशि ले सकते हैं। द्वितीय गृह निर्माण अग्रिम की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हरियाणा के सरकारी कर्मचारी अपने पुत्र-पुत्री या बहन सहित किसी अन्य आश्रित के विवाह के लिए 10 माह का मूल वेतन और अधिकतम तीन लाख रुपये अग्रिम ले सकेंगे। यह अग्रिम राशि पूरी सेवा के दौरान केवल दो बार मिल सकेगी। ब्याज दर जीपीएफ के बराबर होगी। दूसरा अग्रिम राज्य सरकार द्वारा प्रथम विवाह अग्रिम के लिए निर्धारित ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।
45 हजार रुपए और उससे अधिक का संशोधित वेतन पाने वाले सरकारी कर्मचारी इस अग्रिम के लिए पात्र होंगे। ऐसे कर्मचारियों को कार खरीदने के लिए 15 माह का मूल वेतन, जिसकी अधिकतम सीमा साढ़े छह लाख रुपये या मोटर कार की वास्तविक कीमत का 85%, जो भी कम हो, ऋण मिलेगा। प्रथम ऋण पर ब्याज दर जीपीएफ के बराबर तथा दूसरी बार ऋण लेने पर 2% अधिक तथा तीसरी बार ऋण लेने पर 4% अधिक होगी। दूसरा एवं तीसरा ऋण पिछले ऋण का नो ड्यूज सर्टिफिकेट (NDC) जारी होने के बाद ही दिया जाएगा।
यह कर्ज केवल नई मोटर साइकिल और स्कूटर खरीदने के लिए ही दिया जाएगा। मोटर साइकिल के लिए 50 हजार और स्कूटर के लिए 40 हजार दिए जाएंगे। प्रथम ऋण पर ब्याज दर जीपीएफ के बराबर होगी तथा दूसरी बार ऋण लेने पर 2% अधिक तथा तीसरी बार ऋण लेने पर 4% अधिक होगी। दूसरा और तीसरा ऋण पिछले ऋण की एनडीसी जारी होने के बाद ही प्रदान किया जाएगा। मोपेड के लिए कोई ऋण नहीं दिया जाएगा।
कंप्यूटर और लैपटाप खरीदने के लिए 50 हजार रुपए ऋण लिया जा सकेगा। दूसरा एवं तीसरा ऋण पिछले ऋण की एनडीसी जारी होने के बाद ही प्रदान किया जाएगा। ब्याज दर सामान्य भविष्य निधि के बराबर होगी।साइकिल खरीद के लिए चार हजार रुपए या साइकिल की वास्तविक कीमत, जो भी कम हो, ऋण दिया जाएगा। ब्याज दर सामान्य भविष्य निधि के बराबर होगी। दूसरा और तीसरा अग्रिम राज्य सरकार द्वारा प्रथम साइकिल अग्रिम के लिए निर्धारित ब्याज दर पर उपलब्ध होगा।