डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने संवेदनशील बूथों की पहचान करने के आदेश दिए

डिप्टी कमिश्नर कुलवंत सिंह ने संवेदनशील बूथों की पहचान करने के आदेश दिए

मोगा 1 फरवरी:जिला चुनाव अधिकारी-सह-उपायुक्त मोगा लोकसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर कुलवंत सिंह ने आज सभी एसडीएम और डीसीपी के साथ बैठक की और जिले के संवेदनशील बूथों की पहचान का काम 8 फरवरी 2024 तक निपटाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता से संबंधित सभी बिंदुओं की जांच कर चुनाव आयोग तक जानकारी पहुंचाने […]

मोगा 1 फरवरी:
जिला चुनाव अधिकारी-सह-उपायुक्त मोगा लोकसभा चुनाव-2024 के मद्देनजर कुलवंत सिंह ने आज सभी एसडीएम और डीसीपी के साथ बैठक की और जिले के संवेदनशील बूथों की पहचान का काम 8 फरवरी 2024 तक निपटाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता से संबंधित सभी बिंदुओं की जांच कर चुनाव आयोग तक जानकारी पहुंचाने के लिए आयोग की ओर से पांच प्रोफार्मा जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इन प्रोफार्मा में लिखे कॉलम चुनाव आयोग के निर्देशानुसार भरे जाएं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने ग्रुप के साथ इसके नियमों की जानकारी भी साझा की। इस बैठक में एस.डी.एम मोगा सीनियर सारंगप्रीत सिंह औजला, एसडीएम बाघापुराना सीनियर हरकंवलजीत सिंह, एसडीएम धर्मकोट श्रीमती चारू मीता, सभी डीएसपी के अलावा चुनाव तहसीलदार श्री बरजिंदर सिंह आदि उपस्थित थे।

उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का मुख्य उद्देश्य देश में शांतिपूर्ण, पारदर्शी एवं स्वच्छ चुनाव कराना है। ऐसे चुनाव जिनमें हर कोई बिना किसी डर या दबाव के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आयोग द्वारा समय-समय पर कई कदम उठाए जाते हैं। संवेदनशील बूथों की पहचान भी इसी की एक कड़ी है।

यहां यह भी बता दें कि संवेदनशील बूथ वे बूथ होते हैं जहां मतदाताओं, मतदाताओं के समूहों, गांवों, क्षेत्रों या परिवारों को प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा डराया या धमकाया जा सकता है और किसी विशेष पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने के लिए डराया या फुसलाया जा सकता है। इसके साथ ही उन प्रभावशाली व्यक्तियों की भी पहचान करनी होगी जो डरा-धमका सकते हैं। आयोग का उद्देश्य ऐसे लोगों की पहचान कर इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाना है।

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