दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ सुनवाई आज
दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ सुनवाई होगी। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने उन्हें 31 जुलाई तक हिरासत में भेजा दिया था। इसके अलावा भ्रष्टाचार मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी है।
दरअसल, 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल काे जमानत दे दी थी, लेकिन उनकी तरफ से अभी तक बेल बॉन्ड नहीं भरा गया है।
केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। उसके बाद राऊज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें कस्टडी में भेज दिया था। उनके खिलाफ दूसरा मामला CBI का है। जिसमें उन्हें 26 जून को अरेस्ट किया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट में 29 जुलाई को अरविंद केजरीवाल की CBI की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका और अंतरिम जमानत की याचिका पर सुनवाई हुई।
जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। CBI की ओर से विशेष वकील डीपी सिंह पैरवी की। वहीं, केजरीवाल की ओर से एन हरिहरन और अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं।
CBI ने कहा कि केजरीवाल ही दिल्ली शराब नीति केस के असली सूत्रधार हैं। उनकी गिरफ्तारी के बिना मामले की जांच नहीं की जा सकती थी। एक महीने के भीतर हमने चार्जशीट दाखिल कर दी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 17 जुलाई की सुनवाई में भी केजरीवाल की गिरफ्तारी और अंतरिम जमानत की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था। वहीं, CBI ने केजरीवाल के खिलाफ स्पेशल CBI कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।
CBI ने केजरीवाल को 26 जून को अरेस्ट किया था। कोर्ट ने केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया, BRS नेता के कविता समेत बाकी आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 31 जुलाई तक बढ़ाई है।
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को अंतरिम जमानत दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने जमानत देते हुए कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं। इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वह चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं।
जस्टिस खन्ना ने कहा था कि हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी अभी तक उनकी तरफ से बेल बॉन्ड नहीं भरा गया है