मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED की 72 घंटे चली रेड ! हरियाणा-पंजाब की 6 कंपनियों से लग्जरी गाड़ियां जब्त
वित्तीय संकट के बीच पंजाब सरकार के खजाने में 2500 करोड़ रुपए आए हैं। सरकार ने यह पैसा किसी संस्था से लोन लेकर या कोई प्रॉपर्टी बेचकर नहीं कमाया है, बल्कि यह पैसा 7000 फर्मों की IGST रिवर्सल प्रक्रिया से मिला है।
जो पहले उचित प्रक्रिया के अभाव में दूसरे राज्यों के पास पड़ा हुआ था। इसके अलावा विभाग उन कंपनियों पर भी नजर रख रहा है। जो किसी न किसी तरह से टैक्स चोरी में लगी हुई हैं।
जब राज्य कर विभाग सरकारी खजाने को मजबूत करने के प्रयास कर रहा था, तब यह बात सामने आई। दिसंबर माह में कुल सात हजार फर्मों में से 22 ऐसी फर्में पाई गईं। आईजीएसटी रिवर्सल प्रक्रिया पूरी न होने के कारण करीब 1400 करोड़ दूसरे राज्यों में पड़े थे। अकेले रेल कोच फैक्टरी से सरकारी खजाने को 687.69 करोड़ रुपए मिले।
पावरकॉम से 129.14 करोड़, नाभा पावर लिमिटेड से 89.50 करोड़, तलवंडी साबो थर्मल प्लांट से 83.03 करोड़, गोइंदबल से 44.16 करोड़ रुपए मिले। इसी तरह बठिंडा रिफाइनरी को 80.14 करोड़ और ट्रास्को को 40.99 करोड़, फोर्टिस हेल्थ केयर को 24.02 करोड़, कारगिल इंडिया को 14.55 करोड़ रुपए मिले। इसके अलावा कई धार्मिक संस्थाएं और कंपनियां हैं, जिनसे पैसा आया है।
पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में अक्टूबर महीने में सरकार की ओर से रिटायर्ड आईआरएस अधिकारी अरविंद मोदी को वित्त विभाग का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया था।
इसके बाद सरकार की ओर से पंजाब की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा का साफ कहना है कि पंजाब के खजाने को मजबूत करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस सिलसिले में कई कदम उठाए जा रहे हैं।