सेक्सुअल डिजीज होने का खतरा महिलाओं को ज्यादा होता है या पुरुषों को? जानिए क्या कहती है रिपोर्ट

सेक्सुअल डिजीज होने का खतरा महिलाओं को ज्यादा होता है या पुरुषों को? जानिए क्या कहती है रिपोर्ट

यौन संचारित रोग वे रोग होते हैं, जो मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। इन रोगों का कारण बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या फंगस हो सकते हैं। कुछ यौन संचारित रोग को किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ किसी प्रकार के शारीरिक संपर्क जैसे- जननांगों, मुंह या गुदा के संपर्क से फैलने का जोखिम होता है। यौन संचारित रोग पुरुषों और महिलाओं में बढ़ने के कई कारण हैं। ये रोग यौन संबंधों के माध्यम से फैलते हैं और कुछ कारक इनकी बढ़ती संख्या का कारण बनते हैं। डॉक्टर पाठक ने इस बारे में कुछ बेहद महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं, जिन्हें गलती से भी इग्नोर नहीं करना चाहिए। चलिए जानते हैं, इनके बारे में।

असुरक्षित यौन संबंध (Unprotected intercourse)
असुरक्षित यौन संबंध यानी अनप्रोटेक्टेड सेक्स। यौन संचारित रोगों का सबसे प्रमुख कारण है। जब पुरुष और महिला कंडोम जैसे सुरक्षा उपायों का उपयोग नहीं करते हैं, तो वे विभिन्न रोगों से संक्रमित हो सकते हैं। बिना सुरक्षा के यौन संबंध के दौरान एचआईवी, गोनोरिया, सिफलिस और अन्य बीमारियां फैल सकती हैं। कई मामलों में अनप्रोटेक्टेड सेक्स के बाद पुरुष और महिला को अपने प्राइवेट पार्ट पर जलन महसूस हो सकती हैं और व्हाइट स्टार्च आ सकता है।

सिफलिस (Syphilis)
सिफलिस एक गंभीर यौन संचारित रोग है, जो ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंधों के माध्यम से फैलती है। सिफलिस के पहले चरण में आपके जननांगों, मुंह या होठों पर एक छोटा, चिकना घाव विकसित होता है। यह एक दाने जैसा हो सकता है और इतना छोटा और हानिरहित होता है कि आपको पता भी नहीं चलता। यह घाव लगभग छह सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है। सिफलिस के दूसरे चरण में, खुरदरे, लाल या भूरे रंग के दाने विकसित होते हैं।download (40)

क्लैमिडिया (Chlamydia)
जिन लोगों के एक से अधिक यौन साथी होते हैं, क्लैमिडिया का जोखिम उनमें अधिक बढ़ जाता है। यह भी एक बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न होने वाला यौन संचारित रोग है। इसके लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, लेकिन यदि इसका इलाज न किया जाए, तो यह प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे कि बंध्यता (Infertility) का कारण बनना।

एचआईवी (Human Immunodeficiency Virus)
एचआईवी भी एक यौन संचारित रोग है, जो मानव इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस द्वारा होता है। यह वायरस व्यक्ति के शरीर में इम्यून सिस्टम (रक्षा तंत्र) को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर विभिन्न संक्रमणों और रोगों के प्रति संवेदनशील हो जाता है। यदि एचआईवी का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह एड्स में विकसित हो सकता है, जो जीवन के लिए खतरे की स्थिति बन सकता है।

हर्पीज (Herpes)
हर्पीज वायरस (HSV) के कारण होने वाली यह बीमारी त्वचा पर छाले और घावों का कारण बनती है। यह आमतौर पर जननांगों या मुंह के आसपास होता है। यह जीवन भर का संक्रमण है और एक बार संक्रमित होने के बाद यह फिर से सक्रिय हो सकता है। यौन संचारित रोगों के लक्षण अक्सर शुरुआती चरणों में हल्के होते हैं और लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, जो कि नहीं करना चाहिए

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