BP के मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत ! नई स्टडी में खोजी गई ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने की दवा
बिगड़ी लाइफस्टाइल, खराब खानपान और कम फिजिकल एक्टिविटीज की वजह से ब्लड प्रेशर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. भारत में करीब 3 करोड़ लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं. इन सभी मरीजों के लिए बड़ी खुशखबरी है. हाल ही में हुई एक स्टडी में दो दवाओं को मिलाकर से एक सिंगल डोज (Combination Drugs for BP Treatment) तैयार की गई है.
इस स्टडी में दावा किया गया है कि ये दवा, मौजूदा दवाइयों से 5 गुना ज्यादा इफेक्टिव है. ये स्टडी एम्स और इंपीरियल लंदन की रिसर्च टीम ने मिलकर की है. आइए जानते हैं दो दवाईयों के कॉम्बिनेशन से बनने वाली दवा कितनी असरदार हो सकती है...
क्या कहती है स्टडी
इस स्टडी में पता चला कि दो दवाईयों को मिलाकर बनाई गई डोज कॉम्बेनिशेन बीपी के 70% मरीजों में असरदार है. पहले की तुलना में ये दवा पांच गुना ज्यादा फायदेमंद भी है. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी कार्डियोवैस्कुलर रिस्त एंड प्रिवेंशन में पब्लिश ये स्टडी बीपी के मरीजो के लिए राहत वाली है.
इस स्टडी में 1,981 लोगों को शामिल किया गया. एम्स ने देश के 35 जगहों पर इस स्टडी की, जिसमें ग्रामीण और शहरी दोनों लोग शामिल हुए. इन मरीजों की उम्र 30 से 79 साल तक थी. बता दें कि पहली बार इतने लोगों पर इस तरह की स्टडी की गई है.
बीपी की नई दवा का असर
ब्लड प्रेशर की कई दवाईयां बाजार में उपलब्ध हैं. दो दवाओं के कॉम्बिनेशन से बनी डोज भी पहले से ही दी जा रही है लेकिन इस पर कभी स्टडी नहीं की गई. इससे पहले अफ्रीकन कॉम्बिनेशन वाली डोज से मरीजों का इलाज होता है लेकिन इस स्टडी से हाई बीपी के इलाज के लिए सही कॉम्बिनेशन चुनने में डॉक्टरों को काफी मदद मिलेगी.
स्टडी में किन-किन दवाईयों का इस्तेमाल हुआ
इस स्टडी में Amlodipine+Perindopril, Amlodipine+Indapamide and Perindopril+Indapamide तीन कॉमन दवाईयों का इस्तेमाल किया गया. स्टडी में बताया गया कि सिंगल डोज से करीब 70% मरीजों में बीपी कंट्रोल होने में मदद मिली. इन मरीजों का बीपी 140/90 mmHg तक रहा, जो मौजूदा कंट्रोल रेट से 5 गुना बेहतर है.
बीपी कितनी खतरनाक बीमारी
ICMR-इंडिया डायबिटीज की स्टडी में बताया गया है कि देश में 3.15 करोड़ लोग बीपी से जूझ रहे हैं. यह काफी खतरनाक बीमारी है लाख लोग हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट हैं. बीपी की वजह से कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. यह हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती है.