Bank account safe from hackers: हाल ही में चंडीगढ़ में एक महिला को लोन ऐप डाउनलोड करना काफी महंगा पड़ गया। महिला ने जैसे ही ऐप डाउनलोड किया, उसका फोन हैक हो गया।
हैकर ने महिला की कई फोटो के साथ छेड़छाड़ करके उसे अश्लील बना दिया। इसके बाद इन तस्वीरों से महिला को ब्लैकमेल करने लगा और 43 लाख रुपए की ठगी कर ली।
इससे पहले साइबर क्रिमिनल्स ई-मेल, वॉट्सऐप या फेसबुक पर IRCTC के नकली ऐप का लिंक भेजकर उसे डाउनलोड करने को कहते और इस तरह यूजर्स को लाखों का चूना लगाते।
यानी जो यूजर इसे डाउनलोड कर इससे टिकट बुक करने की कोशिश करता, उसके खाते में सेंध लगना तय था। आईआरसीटीसी ने इस बारे में लोगों को चेताया भी है।
आजकल ज्यादातर लोग मोबाइल बैंकिंग और फाइनेंशियल ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि कोई भी लेन-देन बेरोक-टोक और आसानी से हो सके। हम सभी कई ऐप्स से अपने पैसों का लेन-देन करते रहते हैं।
हम पैसों के आदान-प्रदान के लिए भी इन ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। इससे जिंदगी आसान भी हुई है।
हालांकि, इन ऐप्स से पैसों का लेन-देन जितना आसान हुआ है, उतनी ही मुश्किलें भी बढ़ी हैं क्योंकि मार्केट में ऐसे हैकर्स या लोग भी हैं, जो फर्जी ऐप्स या लिंक से लोगों को लाखों का चूना लगा देते हैं। साथ ही आपकी गोपनीय जानकारी भी हासिल कर लेते हैं।
ऐप्स डाउनलोड करते वक्त सेंसिटिव फाइनेंशियल डेटा रखें सुरक्षित (Bank account safe from hackers)
साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट मोनाली गुहा बताती हैं कि कोई भी फाइनेंशियल ऐप जब आप डाउनलोड करते हैं या शेयर करते हैं तो आपकी पर्सनल जानकारी भी शेयर हो जाती है।
मगर ऐसा करते समय आपको अपने सेंसिटिव फाइनेंशियल डेटा को सुरक्षित रखना जरूरी है, जिसके लिए आपको कुछ सावधानियां भी बरतनी चाहिए।
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि फाइनेंशियल डेटा को कैसे सुरक्षित रखा जाए और अगर इसमें किसी ने सेंध लगा दी तो इसके कितने खतरनाक अंजाम भुगतने पड़ सकते हैं।
ऐप डाउनलोड के दौरान क्या आप अनुमति देने के पहले पढ़ते हैं शर्तें
हममें से ज्यादातर लोग ऐप डाउनलोड, साइनअप और रजिस्ट्रेशन करने के दौरान शायद ही लंबे-चौड़े नियम व शर्तें पढ़ते हों। हम बिना पढ़े ही ‘I agree’ के बटन पर क्लिक कर देते हैं।
नियमों को बिना पढ़े ही ‘Terms and conditions’ पर क्लिक करके आगे बढ़ जाते हैं। साइबर ठगी की शुरुआत यहीं से होती है, जब आप बेहद असावधान हो जाते हैं।
अब जरा एक रिपोर्ट के बारे में जानते चलते हैं कि कैसे साइबर ठगी की जा रही है।