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Online Fraud safety tips: ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के 10 टिप्स

Online Fraud safety tips: दिल्ली से सटे गुरुग्राम में एक व्यक्ति से यू-ट्यूब पर वीडियो लाइक करने के नाम पर 10 लाख रुपए से ज्यादा का निवेश कराया गया।

ज्यादा मुनाफा कमाने के लालच में पीड़ित ऑनलाइन फ्रॉड में फंसता चला गया। जब उसे ठगी का एहसास हुआ, तब जाकर उसने गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

इस पर साइबर क्राइम टीम ने तकनीकी सहायता से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया है कि वह लोगों से वॉट्सऐप पर लिंक के माध्यम से यू-ट्यूब/मोजो ऐप पर वीडियो-फोटो लाइक करने का टास्क पूरा करने पर मुनाफा कमाने का लालच देता था। फिर उन्हें भरोसे में लेकर उनसे पैसे लगाने को कहता।

इस तरह उसने कई लोगों के साथ फ्रॉड किया। देशभर में उसके खिलाफ ऐसे 69 मामले दर्ज किए गए थे। वह अब तक 73 लाख रुपए की ठगी कर चुका था।

भारत में ऑनलाइन फ्रॉड से बचाएगा गूगल का सुरक्षा कवच

हाल ही में सर्च इंजन गूगल ने फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए भारत में एक नई पहल की शुरुआत कर दी है, जिसे डिजीकवच (DigiKavach) नाम दिया गया है।

ये डिजीकवच भारत में पैसों से जुड़े लेन-देन में धोखाधड़ी का पता लगाएगा और उस मामले में जरूरी कार्रवाई भी करेगा।

ये डिजीकवच आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) और मशीन लर्निंग की मदद से धोखाधड़ी करने वालों पर पैनी नजर रखेगा और जिसके साथ फ्रॉड होने की आशंका हो, उसे अलर्ट भी करेगा।

इस काम के लिए गूगल के कैलिफोर्निया स्थित मुख्यालय में माउंटेन व्यू कंपनी ने फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एंपावरमेंट (FACE) से हाथ मिलाया है।

डिजीकवच के अलावा कुछ और तकनीक ऐसी हैं, जो बैंकिंग या कोई भी वित्तीय संस्थान अपनाकर ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड पर लगाम लगा सकते हैं।

ब्लॉकचेन

यह तकनीक पूरी पारदर्शिता के साथ किसी भी सूचना के सोर्स के बारे में जानकारी रखती है। इससे वित्तीय लेन-देन के लिए एक तरह से इम्यून सिस्टम बन जाता है।

इंस्टैंट पेमेंट्स

हाल ही में यूरोपियन कमीशन ने इस तकनीक के इस्तेमाल की शुरुआत कर दी है। इसमें पैसों का लेन-देन इतनी तेजी से होता है कि फ्रॉड का चांस ही नहीं रहता है।

एआई और मशीन लर्निंग

इस तकनीक में एआई और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करके रियल टाइम में लेन-देन करने वाले पार्टनर्स के बारे में एनालिसिस की जाती है। इससे किसी भी वित्तीय अपराध को समय रहते रोका जाता है।

एडवांस्ड डेटा एनालिटिक्स

इसमें डेटा को पूरी तरह सुरक्षित रखा जाता है। इससे जोखिम कम होता है और संदिग्ध बर्ताव के पैटर्न की तुरंत पहचान हो जाती है।

एक साल में ही बढ़ गए वित्तीय फ्रॉड के मामले

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2021 के मुकाबले 2022 में एटीएम समेत सभी वित्तीय फ्रॉड में 65 फीसदी इजाफा हुआ है।

2021 में ऐसे 10.8 लाख फ्रॉड हुए थे, जिसकी कुल वैल्यू 1,119 करोड़ रुपए थी।

2022 में ऐसे फ्रॉड बढ़कर 17.8 लाख हो चुके थे, जिनकी पैसों में कीमत आंकी जाए तो यह 2,113 करोड़ रुपए बैठती है।

यानी, देश में हर 64 हजार लेन-देन में एक फ्राॅड हो रहा है। भारत में औसतन हर महीने 2,000 कस्टमर साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं।

धोखाधड़ी के शिकार 74 फीसदी लोगों के पैसे कभी वापस नहीं मिले

लोकल सर्कल्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक सर्वे में 39 फीसदी परिवारों ने माना कि वे बीते तीन साल में पैसों से जुड़ी धोखाधड़ी के शिकार हुए। इनमें से 74 फीसदी ऐसे थे, जिनके पैसे कभी वापस नहीं मिल पाए।

किसी करीबी से एटीएम या डेबिट कार्ड पिन शेयर करना हो सकता है खतरनाक

29 फीसदी ने माना कि उन्होंने अपने परिवार के किसी करीबी से ATM या डेबिट कार्ड की पिन डिटेल्स शेयर की थी, जबकि 4 फीसदी ने अपने घरेलू और ऑफिस स्टाफ के साथ ऐसी जानकारियां शेयर की थीं।

सर्वे के अनुसार, 33 फीसदी लोगों ने अपने बैंक खाते की डिटेल्स, कार्ड इन्फॉर्मेशन, पासवर्ड्स अपने ई-मेल या कंप्यूटर में स्टोर करके रखा था, जबकि 11 फीसदी ने ऐसी जानकारियां अपने मोबाइल फोन में स्टोर की थीं। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है।

कोई भी वित्तीय लेन-देन जांची-परखी वेबसाइट पर ही करें

साइबर फ्रॉड के बारे में आपका जागरूक रहना बहुत जरूरी है। आप ब्लॉग्स, न्यूजलेटर्स, और साइबर एक्सपर्ट से जानकारी लेकर अपनी अवेयरनेस बढ़ा सकते हैं। सरकार भी समय-समय पर सुरक्षा गाइडलाइन जारी करती है।

वित्तीय लेन-देन और बैंकिंग की जानकारी केवल सुरक्षित और प्रामाणिक वेबसाइट्स पर ही साझा करें और वित्तीय लेन-देन की जानकारी को व्यक्तिगत रूप से सुरक्षित रखें।

अपने ईमेल और मोबाइल में बैंकिंग संबंधी जानकारी लिखकर न रखें। अपने ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर, एंटीवायरस, और सुरक्षा सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करें ताकि आपकी डिवाइस सुरक्षित रहे।

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